The hindi kahani Diaries
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गाय को अपनी ओर आता देख सभी लड़के नौ-दो-ग्यारह हो गए।
यह कहानी पंचतंत्र या ईसप की सूत्र कथाओं की तरह है, लेकिन मौजूदा दौर में भोगवादी (हेडोनिस्ट या फिलिस्टिनिस्टिक कंज़्यूमरिज़्म) मानसिकता की वजह से अपनी स्वतंत्रता खोकर ग़ुलाम हो जाने की प्रवृत्ति पर यह एक स्मरणीय टिप्पणी है.
वह इस समय दूसरे कमरे में बेहोश पड़ा है। आज मैंने उसकी शराब में कोई चीज़ मिला दी थी कि ख़ाली शराब वह शरबत की तरह गट-गट पी जाता है और उस पर कोई ख़ास असर नहीं होता। आँखों में लाल ढोरे-से झूलने लगते हैं, माथे की शिकनें पसीने में भीगकर दमक उठती हैं, होंठों कृष्ण बलदेव वैद
अब उस व्यक्ति के पास दो गांव हैं और पचास से अधिक बकरियां भी।
संत ने बिच्छू को फिर अपने हाथ से निकाला। बिच्छू ने संत को फिर डंक मारा।
बंदर और गिलहरी का याराना बहुत समय पहले की बात है । एक जंगल में एक बंदर और गिलहरी रहते थे। एक दिन बंदर पेड़ पर बैठा था। उसकी पूँछ बहुत लंबी थी । इतनी लंबी थी कि वह जमीन तक लटक रही थी। बंदर मजे से पेड़ पर बैठा था। गिलहरी जमीन पर उछल–कूद कर रही थी। तभी उसे लटकती पूँछ दिखाई दी। वह पूंछ पर चढ़ गई और झूलने लगी। उसे बड़ा मजा आ रहा था।
इमेज कैप्शन, मन्नू भंडारी ने 'यही सच है', 'अकेली' और 'मैं हार गई' जैसी प्रसिद्ध कहानियाँ लिखीं.
यह आप हो? मैंने तो पूँछ को झूला समझा था। मैं तो झूला झूल रही थी। मुझे इसमें बड़ा मज़ा आ रहा था।
बाबा भारती और खड़ग सिंह की यह कहानी मनुष्य के भीतर छिपी अच्छाइयों के पुनरुद्धार और दूसरे मनुष्य पर विश्वास की अनश्वरता की अद्भुत लोकगाथात्मक कहानी है.
विषधर अब शांत स्वभाव का हो गया। वह किसी को काटना नहीं था।
आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ़ की दावत थी। शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फ़ुर्सत न थी। पत्नी ड्रेसिंग गाउन पहने, उलझे हुए बालों का जूड़ा बनाए मुँह पर फैली हुई सुर्ख़ी और पाउडर को मले और मिस्टर शामनाथ सिगरेट पर सिगरेट फूँकते हुए चीज़ों की भीष्म साहनी
तुम अच्छे से पढ़ाई करो और अगली बार परेड में निश्चित रूप से भाग लेना।
उसनें मोमबत्तियां और लोबान की बतियां खरीदी और फिर पूरे महल को रोशनी और सुगंध से भर दिया। इस तीसरे बेटे की बुद्धिमानी से खुश होकर राजा ने उसे अपना उत्तराधिकारी बनाया।
तब मैं न तो इतनी लंबी थी, न इतनी चौड़ी। कमलाकांत वर्मा